अशोक भाटिया
जन्म : 05.01.1955 अम्बाला छावनी, हरियाण। रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर। विधाएं : कविता, आलोचना, लघुकथा, बाल साहित्य, व्यंग्य, यात्रा-संस्मरण, साक्षात्कार आदि विधाओं की अब तक 49 पुस्तकें प्रकाशित। लघुकथा रचना और आलोचना के प्रमुख हस्ताक्षर। लघुकथाओं के तीन संग्रह—‘जंगल में आदमी’; ‘अंधेरे में आँख’ (तमिल, मराठी और अंग्रेजी में भी); और ‘क्या क्यूँ कैसे@लघुकथा’ तथा तीन आलोचना-पुस्तकें — ‘समकालीन हिंदी लघुकथा’ (हरियाणा ग्रन्थ अकादमी से प्रकाशित), ‘परिंदे पूछते हैं’ और ‘लघुकथा : आकार और प्रकार’। लघुकथा पर संपादित पुस्तकों में ‘पैंसठ हिंदी लघुकथाएं (2001, तीन संस्करण), ‘निर्वाचित लघुकथाएं’ (2005, चार संस्करण, हिंदी लघुकथा की सम्पूर्ण यात्रा), ‘नींव के नायक’ (29 लेखकों की 1970 तक की 177 प्रतिनिधि लघुकथाएं, सन 2010) तथा ‘देश-विदेश से कथाएं’ (2017, दो संस्करण, 19 भाषाओँ के 83 प्रमुख लेखकों की 122 प्रतिनिधि लघुकथाएं) आदि विशेष चर्चित| दिल्ली दूरदर्शन द्वारा लघुकथा पर पहली परिचर्चा (28-04-1988) और साहित्य अकादमी नयी दिल्ली द्वारा आयोजित पहले लघुकथा-पाठ (15-03-2016) में भागीदारी। यू.जी.सी. से लघुकथा पर माइनर प्रोजेक्ट (2011)। पत्र-पत्रिकाओं, आयोजनों आदि में निरंतर अनेकविध सामाजिक-साहित्यिक सक्रियता। दो विदेश यात्राएँ। हरियाणा साहित्य अकादमी के बाबू बालमुकुन्द गुप्त सम्मान सहित अमृतसर, दिल्ली, कोलकाता, पटना, शिलॉंग, हैदराबाद, रायपुर, भोपाल, इंदौर आदि की संस्थाओं द्वारा सम्मानित। संपर्क : बसेरा, 1882, सेक्टर 13, करनाल-132001 हरियाणा। मो. : 9416152100 l ashokbhatiahes@gmail.com ashokbhatia.in
Ashokbhtiasahitya
- Please choose product options by visiting BaalKand-2 : Tana-Bana / बालकाण्ड-2 : ताना-बाना.

Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View
Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View
Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View






