Katha-Kahani – 1
कथा-कहानी – 1

Katha-Kahani – 1
कथा-कहानी – 1

340.00

10 in stock

Editor(s) – Hariyash Rai
सम्पादक — हरियश राय

Co-Editor(s) – Prem Tiwari, Mahesh Darpan सह-सम्पादक – प्रेम तिवारी, महेश दर्पण
Editing Support – Rachna Tyagi सम्पादन सहयोग – रचना त्यागी

| ANUUGYA BOOKS | HINDI | 400 Pages | PAPER BACK | 2019 |
| 5.5 x 8.5 Inches | 500 grams | ISBN : 978-93-86835-87-1 |

 

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Description

हरियश राय

उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में प्रारम्भिक शिक्षा, 1971 के बाद की शिक्षा दिल्ली से।

शुरुआती दौर में व्यंग्य लेखन से थोड़ा बहुत नाता।

दो उपन्यासों ‘नागफनी के जंगल में’ और ‘मुट्ठी में बादल’ के अलावा छ: कहानी संकलन ‘बर्फ होती नदी’, ‘उधर भी सहरा’, ‘अंतिम पड़ाव’, ‘वजूद के लिए’, ‘सुबह- सवेरे’ व ‘किस मुकाम तक’ प्रकाशित।

इसके साथ ही सामयिक विषयों से संबंधित चार अन्य किताबें ‘भारत-विभाजन और हिंदी उपन्यास’, ‘सूचना तकनीक, बाज़ार एवं बैंकिंग’, ‘समय के सरोकार’, ‘शिक्षा,भाषा और औपनिवेशिक दासता’ प्रकाशित।

उद्भावना पत्रिका के भीष्म साहनी अंक का संपादन।

लगभग 32 वर्ष तक बैंक में कार्य करने के उपरांत उप-महाप्रबंधक के पद से सेवा मुक्त।

अब दिल्ली में निवास।

संपर्क : 73, मनोचा एपार्टमैंट, एफ-ब्लाक, विकास-पुरी, नई दिल्ली–110018

ई-मेल : hariyashrai@gmail.com

मो. : 09873225505

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