Istambul Mein Hafte Bhar (Yatra Vratant)
इस्‍तांबुल में हफ़्ते भर (यात्रा वृत्तांत)

Istambul Mein Hafte Bhar (Yatra Vratant)
इस्‍तांबुल में हफ़्ते भर (यात्रा वृत्तांत)

140.00280.00

Author(s) — Santosh Alex
लेखक  — संतोष अलेक्स

| ANUUGYA BOOKS | HINDI | Total 92 Pages | 2023 | 5.25 x 8 inches |

| Book is available in PAPER BACK & HARD BOUND |

Choose Paper Back or Hard Bound from the Binding type to place order
अपनी पसंद पेपर बैक या हार्ड बाउंड चुनने के लिये नीचे दिये Binding type से चुने

 

Description

पुस्तक के बारे में

…लगभग एक घंटे के बाद हम यूरेशिया टनल पहुँचे। टनल में प्रवेश द्वार के बाहर टैक्‍सी रुकी। सड़क के किनारे ठेले से टेकी कुछ खरीदकर ले आया। यह ब्रेड का एक किस्‍म था जो मोटे रिंग के आकार का था। टेकी ने बताया कि इसे सिमित कहते हैं और यह तुर्की का आम खाद्य पदार्थ था।
इस्‍तांबुल दुनिया का एक मात्र शहर है जो दो द्वीपों के बीच स्थित है जिसका इतिहास 600 बी.सी. से शुरू होता है। यूरेशिया सुरंग का निर्माण 2011 में शुरू हुआ और 22 दिसंबर 2016 को इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए खोला गया। 5.4 किलोमीटर की दूरी वाली यह सुरंग यूरोप के कुमपकी इलाके को एशिया के कडिकोय इलाके को जोड़ती है। इस दूरी को तय करने में पहले एक घंटा चालीस मिनट का समय लगता था जो अब केवल पन्द्रह मिनट में तय की जाती है। यह बोसफोरस जलमार्ग के अन्दर 106 मीटर की गहराई में बनी है। इसमें हर 600 मीटर में एक एमरजेंसी लेन और फोन की सुविधा दी गयी है।…
…इस टॉय म्‍यूजियम में 4000 टॉय और मिनिएचर हैं जो दुनिया भर से संग्रहीत हैं। यहाँ का सबसे पुराना टॉय एक वयलिन है जो 1817 में फ्रांस में निर्मित है। अन्‍य एंटीक खिलौनों में 1820 में अमरीका में तैयार बेबी डॉल और 1860 में अमरीका में तैयार की गयी गोटियाँ शामिल है। यहाँ के सबसे महत्त्‍वपूर्ण खिलौनों में प्‍लेन के रूपवाला खिलौना शामिल है जिसमें एंटोयन डी सेंट को प्‍लेन में दर्शाया गया है। इसके अलावा एरनेस्‍ट पाल लहमेन का निर्मित खिलौना, सुलतान सुलौन और पत्‍नी हुरेम, अमरीका राष्‍ट्रपति, दूसरे विश्‍व महायुद्ध के समय जर्मनी एवं डोलहाउ बूचर आदि खिलौने शामिल हैं।

…इसी पुस्तक से…

2017 में लेखक को इस्तांबुल अंतरराष्ट्रीय कविता उत्सव में भाग लेने के लिए निमंत्रण प्राप्त हुआ जहाँ उनकी हिंदी कविताओं का तुर्की भाषा में अनूदित कविता संग्रह का विमोचन होना था। “इस्तांबुल में हफ्ते भर” लेखक द्वारा की गई यात्रा का वर्णन है। इस्तांबुल पुराने समय में बैजेंटियम और बाद में कोन्स्टांटिनोपल नाम से जाना जाता था। आज यह तुर्की के प्रमुख शहरों में से एक है जो यूरोप और एशिया के बीच स्थित है। इसमें लेखक इस्तांबुल शहर,वहाँ का इतिहास, दर्शनीय स्थल, लोगों का खान- पान, वेश- भूषा एवं नाईट लाइफ की रोचक जानकारी प्रस्तुत करते हैं। लेखक ने अपनी यात्रा को इस कदर प्रस्तुत किया है कि उसे पढते हुए यह लगता है कि हम भी उनके साथ यात्रा कर रहे हैं। इसमें संवेदना और अभिव्यक्ति का एक कलात्मक संतुलन द्रष्टव्य है। इस्तांबुल शहर पर यात्रा का हिंदी में यह पहली पुस्तक है। यह यात्रा वृत्तांत पठनीय है और पाठक के अनुभव ज्ञान को समृद्ध करता है।

…इसी पुस्तक से…

Additional information

Weight N/A
Dimensions N/A
Binding Type

,

This website uses cookies. Ok