Editor(s) — Dr. Namdev & Dr. Neelam
| ANUUGYA BOOKS | HINDI | 240 Pages | Hard BOUND | 2020 |
| 5.5 x 8.5 Inches | 450 grams | ISBN : 978-93-89341-15-7 |
…पुस्तक के बारे में…
वरिष्ठ दलित कथाकार जयप्रकाश कर्दम कृत ‘छप्पर’ पहला कालजयी, उपन्यास है जिसने हिंदी दलित साहित्य में अपनी सशक्त दलित चेतना के कारण अपार लोकप्रियता हासिल किया है। दलितों को सदियों से लेकर आजतक अत्याचार, शोषण, बलात्कार, भेदभाव, से पाला पड़ता आ रहा है, वह भी उनकी जाति के कारण। वर्चस्ववादी मानसिकता और उसकी बर्बरता से संघर्ष करना दलित व्यक्ति की नियति है, और इसी नियति से मुक्त होना भी आज के दलित व्यक्ति की आकांक्षा है। वस्तुतः मुक्ति की इन्हीं कामनाओं, संघर्षों की महागाथा है ‘छप्पर’। सुक्खा, रमिया, ठाकुर हरनाम सिंह, रजनी, कमला जैसे जीवंत पात्रों के बीच सेतु के रूप में मौजूद है चंदन जैसा नायक है जो अंबेडकरवादी चेतना और सामाजिक न्याय का योध्दा के रूप में अवतरित होकर समतामूलक समाज के आदर्श को रचता है। उपन्यास का यही वह केंद्र बिंदु है जहां जातिवादी प्रश्न, जातियों के खेमेबाजी से बाहर निकल कर एक सामाजिक विमर्श का रूप धारण कर लेते हैं। जातिवाद से खुलकर सामना करना ही चंदन का लक्ष्य नहीं है बल्कि सामाजिक एकता, सौहार्द और मोहब्बत को स्थापित करना भी उसका उद्देश्य है। गांव के आबो-हवा में पला बढ़ा चंदन शहर में उच्च शिक्षा हासिल करता है लेकिन गांव से कटता नहीं है। उसका संघर्ष दो तरफा है जो न्याय की परिणति पर आश्रित है। इन्हीं भावनाओं, अनुभूतियों का अनूठा संगम है ‘छप्पर’ जिसको अनेक दृष्टिकोणों से जांचने-परखने, विश्लेषित करने, मूल्यांकन करने, उसके साहित्यिक -सामाजिक अवदान के महत्त्व को रेखांकित करनें का प्रयास प्रस्तुत पुस्तक में किया गया है । वस्तुतः प्रस्तुत पुस्तक के मार्फत दलित आलोचना की वैज्ञानिक धार और तेवर की प्रखर संस्कृति को देखा जा सकता है।
…अनुक्रम…
- भूमिका
- स्वातन्त्र्योत्तर दलित पीढ़ी की संघर्षगाथा – ‘छप्पर’ – ओमप्रकाश वाल्मीकि
- सामाजिक क्रान्ति के आईने में ‘छप्पर’ – डॉ. तेज सिंह
- ‘छप्पर’ एक अनुशंसा – माता प्रसाद
- सामाजिक यथार्थ और परिवर्तन की ओजस्विता का सच्चा दस्तावेज है– छप्पर –श्यौराज सिंह बेचैन
- उत्पीड़न का रचनात्मक प्रतिफल : छप्पर – डॉ. एन. सिंह
- छप्पर के अनुभव संसार – डॉ. पुरुषोत्तम सत्यप्रेमी
- दलित-चेतना का महत्त्वपूर्ण दस्तावेज ‘छप्पर’ – डॉ. कुसुम मेघवाल
- एक ही ‘छप्पर’ के नीचे बाबा साहेब और बापू – डॉ. गंगा प्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’
- सामाजिक न्याय की लड़ाई : छप्पर – डॉ. संजय नवले
- ‘छप्पर’ में अभिव्यक्त आर्थिक जीवन की समस्याएँ – मल्लेश्वर राव अन्देल
- ‘छप्पर’ में दलित-चेतना – डॉ. खन्ना प्रसाद अमीन
- ‘छप्पर’ में स्त्रीवादी पाठ – डॉ. नीलम
- हिन्दी दलित कथा-साहित्य में अम्बेडकरी चेतना – डॉ. मीनाक्षी विनायक कुरणे
- ‘छप्पर’ उपन्यास में दलित दर्शन – रमेश चतुर्वेदी
- छप्पर में वर्णित दलित-चेतना – पुष्पाकर सोनवानी
- दलित-साहित्य का क्रान्तिधर्मी उपन्यास ‘छप्पर’ – डॉ. तारा परमार
- अस्मितादर्शी उपन्यासों की शृंखला में उभरती एक संघर्ष गाथा – ‘छप्पर’ –डॉ. उर्मी शर्मा
- ‘छप्पर’ सामाजिक समरसता की कथा – चन्द्रशेखर कर्ण
- दलित-चेतना की दस्तक -‘छप्पर’ – डॉ. सुमा टी. आर.
- ‘छप्पर’ में दलित आख्यान – अर्चना द्विवेदी
- छप्पर : दलित आन्दोलन का एक सशक्त हथियार – शील बोधी
- ‘छप्पर’ न्याय और समता की संस्कृति का अभ्युदय – हीरालाल राजस्थानी
- ‘छप्पर’ में दलित-विमर्श – सुनील कुमार
- दलित-साहित्य का आन्दोलन और स्वरूप वाया ‘छप्पर’ – डॉ. प्रवीण कुमार
- ‘छप्पर’ उपन्यास में अभिव्यक्त दलित-चेतना –सन्ध्या
- अम्बेडकरवादी चेतना की प्रखर अभिव्यक्ति-‘छप्पर’ – ओमप्रकाश मीना
- नकारात्मकता में सकारात्मकता की एक मशाल : छप्पर – पूजा प्रजापति
- ‘छप्पर’ में आदर्शोन्मुख यथार्थवाद – सुनीता
- यथार्थ और आदर्श का समन्वय है छप्पर – डॉ. शिव कुशवाहा
- छप्पर उपन्यास में जनवादी चेतना – डॉ. एस. आर. जयश्री
- ‘छप्पर’: शिक्षा और संघर्ष की महागाथा – डॉ. सुजीत कुमार
- अविस्मरणीय दलित नायक – डॉ. नामदेव
…रचनाकारों के सम्पर्क सूत्र…
- ओमप्रकाश वाल्मीकि : प्रख्यात दलित सािहत्यकार (दिवंगत)
- तेज सिंह : प्रसिद्ध दलित चिन्तक एवं सम्पादक (दिवंगत)
- माता प्रसाद : सुप्रसिद्ध दलित साहित्यकार एवं पूर्व राज्यपाल, अरुणाचल प्रदेश, निवास लखनऊ, उ.प्र.
- श्यौराज सिंह बेचैन : प्रोफेसर, हिन्दी िवभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली-110007
- एन. सिंह : 110, विनोद विहार, मल्हीपुर रोड, सहारनपुर-247001 (उ.प्र.)
- पुरुषोत्तम सत्यप्रेमी : अाश्वस्त, 20, बागपुरा, उज्जैन (म.प्र.)
- कुसुम मेघवाल : प्रसिद्ध दलित लेखिका, उदयपुर, राजस्थान
- गंगाप्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ : प्रोफेसर (हिन्दी) क्वाङ्ग्चो वैदेशिक अध्ययन विश्वविद्यालय, क्वाङ्ग्चो, चीन
- संजय नवले : हिन्दी विभाग, डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद-431004 (महाराष्ट्र)
- मल्लेश्वर राव अंदेल : हैदराबाद विश्वविद्यालय गाची बाउली, हैदराबाद (आं.प्र.)
- खन्ना प्रसाद अमीन : वल्लभ विद्यानगर, आनंद, गुजरात
- नीलम : असिस्टेंट प्रोफेसर, लक्ष्मीबाई कॉलेज, अशोक विहार, फेज-III, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
- मीनाक्षी विनायक कुरणै : कृष्णा महाविद्यालय, रेठरे ब्रु. तह. कराड, जिला- सातारा (महाराष्ट्र)
- रमेश चतुर्वेदी : हिन्दी विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.)
- पुष्पाकर सोनवानी : हिन्दी विभाग, गुरुघासीदास विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.)
- तारा परमार : 9बी, इन्द्रपुरी, सेठी नगर, उज्जैन-456010 (म.प्र.)
- उर्मी शर्मा : महानंदा नगर, उज्जैन-456010 (म.प्र.)
- चन्द्रशेखर कर्ण : प्रसिद्ध आलोचक, झारखंड
- सुमा टी. आर. : एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, विश्वविद्यालय कॉलेज, मंगलूर (म.प्र.)
- अर्चना द्विवेदी : हिन्दी विभाग, कलकता विश्वविद्यालय, 46/7 एस एन बनर्जी रोड, कलकत्ता-700014
- शील बोधी : दलित चिन्तक एवं साहित्यकार, दिल्ली
- हीरालाल राजस्थानी : के-803, 804, मंगोलपुरी, दिल्ली-110083
- सुनील कुमार : शोधार्थी, हेमवती नंदन बहुगुणा, गढ़वाल (केन्द्रीय) विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड-246174
- प्रवीण कुमार : असिस्टेंट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय, अमरकंटक-484885 (म.प्र.)
- सन्ध्या : शोधार्थी, हिन्दी विभाग, कुसाट, कोची-682022
- ओमप्रकाश मीना : शोधार्थी, भारतीय भाषा केन्द्र, जे एन यू, नई िदल्ली
- पूजा प्रजापति : सी-77, शिवाजी, नानक चंद बस्ती, कोटला मुबारकपुर, नई दिल्ली-110003
- सुनीता : शोधार्थी, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा (बिहार)
- शिव कुशवाहा : c/o श्री विष्णु अग्रवाल, लोिहया नगर, गली नं. 2, जलेसर रोड, फिरोजाबाद (उ.प्र.)
- एस आर जयश्री : एसोिसएट प्रोफेसर, महात्मा गाँधी कॉलेज, तिरूवनन्तपुरम (केरल)
- सुजीत कुमार : अिसस्टेंट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एण्ड कॉमर्स, नेताजी नगर, नई दिल्ली
- नामदेव : एसोिसएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, किरोड़ीमल कॉलेज, िदल्ली िवश्वविद्यालय, िदल्ली-110007
Reviews
There are no reviews yet.