डॉ. कमल पुरी

30 सितम्बर, खन्ना (पंजाब)। हिंदी और अंग्रेज़ी में एम.ए., नौकरी के लिये बी.एड., फिर पीएच.डी.की। साइकॉलोजी का एक ड़िप्लोमा भी किया। रोटी के लिये अंग्रेज़ी पढ़ाने-सिखाने का काम। ग़ज़लों से लगाव के चलते दो ग़जल-संग्रह ‘कितने रंग उसके हैं’ व ‘चौराहे पे चिराग़’; हिन्दी के लिये ‘कार्यालयनी हिन्दी’ तथा बच्चों को अंग्रेजी सिखाने कि लिये ‘असैंशियल इंग्लिश’ पुस्तक प्रकाशित। ‘डॉन’ चंड़ीगढ़ के लिये ग़ालिब की ग़ज़लों का इंग्लिश में अनुवाद। ‘भगत सिंह विचार मंच’ के लिये भगत सिंह पर अनेकों निबंध। किताबों से ख़ासा प्यार, उर्दू को मौसी मानते हैं, पेड़ों में जान बसती है। ई-मेल : kap.kamalpuri@gmail. com

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