डॉ. अशोक भाटिया

जन्म : 1955 अम्बाला छावनी, हरियाणा (पूर्व पंजाब)। कार्य-क्षेत्र : रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर। स्वतंत्र लेखन। प्रकाशन : कविता, आलोचना, लघुकथा, बाल-साहित्य, व्यंग्य, ज्ञान-साहित्य,  सम्पादन  की 40 पुस्तकें प्रकाशित। कविता-संग्रह : ‘सूखे में यात्रा’, ‘कठिन समय समय में हम’। लघुकथा-संग्रह : ‘जंगल में आदमी’, ‘अँधेरे में आँख’ (तमिल और मराठी में भी) और ‘क्या क्यूँ कैसे @लघुकथा’ (चयन)। व्यंग्य-संग्रह : ‘लोकल विद्वान’। संस्मरण : ‘यात्राएँ गंगासागर की’। ‘बालकाण्ड’ (बाल-लघुकथाएँ)। आलोचना : ‘समकालीन हिंदी लघुकथा’, ‘समकालीन हिंदी कहानी का इतिहास’, ‘सूर काव्य : विविध आयाम’ आदि। ‘परिंदे पूछते हैं’ लघुकथा-विमर्श पर पहली पुस्तक। लघुकथा (संपादित) : ‘पैंसठ हिंदी लघुकथाएँ’, ‘निर्वाचित लघुकथाएँ’ (हिंदी लघुकथा की सम्पूर्ण यात्रा, अब तक चार संस्करण), ‘नींव के नायक’ (1970 तक की हिंदी लघुकथाओं का दस्तावेज़), ‘देश-विदेश से कथाएँ’ (लघुकथा का वैश्विक परिदृश्य), ‘कथा-समय’ (समकालीन आठ प्रमुख लेखकों की प्रतिनिधि लघुकथाएँ), ‘प्रतिरोध’ विशेष चर्चित। अन्य : दिल्ली दूरदर्शन द्वारा लघुकथा पर पहली परिचर्चा (28.4.1988) में भागीदारी। यू.जी.सी. से लघुकथा पर माइनर प्रोजेक्ट (2011)। हरियाणा साहित्य अकादमी सहित अनेक संस्थाओं की साहित्यिक कार्यशालाओं में विषय-विशेषज्ञ। भाषा और साहित्य के आयामों पर देश-भर में सक्रिय भागीदारी। प्रमुख पुरस्कार/ सम्मान : हरियाणा साहित्य अकादमी का बाबू बालमुकुन्द गुप्त सम्मान, माता शरबती देवी सम्मान (पंजाब), सृजन-सम्मान (रायपुर), लघुकथा आलोचना शिखर सम्मान (पटना), सारस्वत सम्मान (दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद), डा. महाराज कृष्ण जैन सम्मान (पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग), विशिष्ट अकादमी सम्मान (कोलकाता), क्षितिज लघुकथा-सम्मान (इंदौर) आदि।
संपर्क : बसेरा, 1882, सेक्टर 13, करनाल – 132001 (हरियाणा)। मो. : 9416152100 फोन : 0184-2201202। ई-मेल : ashokbhatiahes@gmail. com

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